Sunday, 28 October 2012

ख्वाहिश

Sept 16, 2012


गर खुदा मुझे दो बदन दिया होता,
एक यहाँ पर और एक वहां पर होता.
ज़मीन में तो आशियाना फ़िर भी बनता,
एक माकन सितारोंसे आगे जहाँ पर भी होता | -VV


3 comments:

  1. हजारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख्वाहिश पे दम निकले .......
    बहुत निकले अरमान मेरे फिर भी कम निकले।।।।।।

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  2. Good one Vinay.

    on the similar note,
    अर्मानों की उड़ान तो में वैसेभी भरलेता
    साथ उड़न खाटोलेके एक और दिल ले उड़ता
    गर खुदा मुझे दो बदन दिया होता
    एक यहाँ पर और एक वहां पर होता ।

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