Friday, 22 March 2013

साथिया .......भूल न जाना

20 March 2013


क्या था वो हमारा एक दूसरे में ढूँढना
न हम जानते थे, ना ही चाहते थे जानना

हर मुस्कुराहट पे सवाल, हर सवाल पे रूठना
वो कश्मकश की बातें, वो इरादोंका बांटना

क्या ख़ुशी थी क्या गम था, ना सोचना ना समेटना
दुनिया का सींचा हुआ विरोधाभास पर टटोलना

न हो कर भी दिन के तसव्वुर में तेरा मिलना
सपनोंसे शून्य उदास रातों का वीराना

वो बराबर का इंतज़ार, वो दो पल में जीना
वो खो देने के डर से पलके ना झपकना

वो बच्चों का सा उकसाहट, किया गुनाह सुहावना
अपने आप में हसना और अकेले में खूब रोना

ना आयेंगे वो दिन, उम्मीद, माया, ना भावना
इन्द्रधनुष के रंग थे, कुदरती था उनका बिखरना

मैं खुश हूँ और ए गुज़ारिश कि तुम भी खुश रहना
कल मिले न मिले, रहे न रहे पर यादोंको ना मारना -VV






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